Thursday, December 19, 2013

वेदों में ईश्वर के एक होने (Monotheism) का वर्णन हैं जबकि पश्चिमी विद्वानों द्वारा वेदों में अनेक ईश्वर (Polytheism) होना बताया गया हैं। स्वामी दयानंद द्वारा वेद विषयक वैचारिक क्रांति का मैक्समुलर पर इतना प्रभाव हुआ कि कालांतर में मैक्समुलर भी वेदों में एकेश्वरवाद कि धारणा का समर्थन करने पर विवश हो गये। इस सन्दर्भ में वेदों के प्रकांड विद्वान पंडित धर्मदेव विद्या मार्तण्ड जी द्वारा लिखित यह अलभ्य लेख "वैदिक ईश्वरवाद" हमारी शंका का समाधान करने के साथ साथ अत्यंत रोचक और विचारणीय हैं।

डॉ विवेक आर्य













 

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